अगर आपको प्रकृति के विविध रूपों से प्रेम है और इसकी सुंदरता से आश्चर्यचकित व विस्मित होना पसंद है, तो आपको शे फोक्सुन्डो झील अवश्य जाना चाहिए। यह झील नेपाल के कर्णाली प्रदेश के डोल्पा जिले में स्थित है और प्रकृति के अद्भुत चमत्कारों में से एक है। यह हर प्रकृति-प्रेमी के लिए जीवन में एक बार अवश्य देखने योग्य स्थान है।
यह एक ओलिगोट्रॉफिक झील है, जो लगभग 3800 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। इसकी सबसे विशेष बात यह है कि यह नेपाल की सबसे बड़ी झीलों में से एक है और इसका जल शीशे की तरह स्वच्छ व पारदर्शी है। ऊँचाई पर स्थित होने और मानव हस्तक्षेप कम होने के कारण यह झील आज भी धरती के प्रारंभिक इतिहास की साक्षी प्रतीत होती है।
यह झील घाघरा नदी (नेपाल में जिसे कर्णाली कहा जाता है) की सहायक भेरी नदी का उद्गम स्थल भी है। यह न केवल अपने शीतल और स्वच्छ जल के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसकी ओलिगोट्रॉफिक प्रकृति इसे और भी विशिष्ट बनाती है—इसका अर्थ है कि इसमें किसी प्रकार के जीव-जंतु, यहां तक कि सूक्ष्मजीव भी नहीं पाए जाते। चारों ओर से ऊँचे हिमालयी पर्वतों से घिरी यह झील ग्लेशियरों से पोषित होती है।
सर्दियों में यह झील जम जाती है, जबकि अप्रैल से अक्टूबर के बीच यहाँ आना संभव और अनुकूल रहता है। झील का सबसे मुख्य आकर्षण इसका गहरा नीला रंग है, जो साफ आसमान और धूप के प्रभाव से और भी निखर उठता है—ऐसा प्रतीत होता है जैसे यह झील धरती पर खुले आसमान का प्रतिबिंब हो। इसका यह रूप हर पर्यटक को सम्मोहित कर लेता है।
यदि आप एक सच्चे प्रकृति प्रेमी हैं, यात्राएं करना पसंद करते हैं, लोगों से संवाद करना, नई संस्कृतियों और खान-पान को समझना और ज्ञान अर्जन करना चाहते हैं, तो नेपाल की इस झील की यात्रा आपके जीवन की अविस्मरणीय यात्राओं में से एक हो सकती है।
मैंने इस विस्तृत लेख में यह साझा किया है कि फोक्सुन्डो झील तक कैसे पहुँचा जा सकता है। इसमें आवश्यक दस्तावेज़ों, अनुमानित बजट, यात्रा मार्ग, नक्शा और अन्य उपयोगी जानकारियाँ शामिल हैं। जब मैं वहाँ गया था, उस समय मुझे कहीं से भी स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं हुई थी। गूगल मैप्स पर भी इस क्षेत्र का कोई सटीक मार्ग नहीं दिखता।
इसलिए, मैंने यह लेख विशेष रूप से हिंदी भाषा में और भारतीय यात्रियों की दृष्टि से तैयार किया है, ताकि यदि आप भारत से फोक्सुन्डो झील की यात्रा करना चाहते हैं तो आपको किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
फोक्सुन्डो झील जाने का सही समय मध्य-अप्रैल से जून और अगस्त से अक्टूबर तक होता है. यहाँ तक जाने के लिए आपको दुनई, डोल्पा पहुँचना होगा और वहाँ से आपकी पैदल यात्रा शुरू होती है. दुनई पहुँचने के तीन रास्ते हैं.

दुनई पहुँचने के तीन तरीके हैं:
- फ्लाइट
- स्थानीय कार या बस
- निजी कार या बाइक द्वारा
1. फ्लाइट से
अगर आप फ्लाइट से जाना चाहते हैं तो आपको नेपालगंज से या काठमांडू से डोल्पा एयरपोर्ट (जो कि जुफाल में है) की फ्लाइट बुक करनी होगी. इसकी जानकारी आपको प्लान नेपाल ट्रेवल्स एंड टूर प्राइवेट लिमिटेड की वेबसाइट पर मिल सकती है. नेपालगंज जाने के लिए आप उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले (लखनऊ से 180 किलोमीटर) के रुपैडिहा बॉर्डर पर पहुँचिए. बॉर्डर पार करने के बाद आप टैक्सी द्वारा 30 मिनट में नेपालगंज एयरपोर्ट पहुँच सकते हैं.
2. बस से
पहले रुपैडिहा बॉर्डर पार करके नेपालगंज पहुंचें. वहाँ से स्थानीय बस या जीप से आप दुनई, डोल्पा तक पहुँच सकते है. रोज सुबह नेपालगंज से दुनई, डोल्पा के लिए बसें जाती हैं जिसकी दूरी तकरीबन 390 किलोमीटर है. इस यात्रा में 15 से 16 घंटे लगते हैं. अगर मौसम ख़राब हुआ या लैंडस्लाइड की वजह से सड़क टूट गई तो इसमें 20 से 22 घंटे भी लग सकते हैं. नेपालगंज से दुनई तक का बस का किराया 4,000 नेपाली रुपया है.
3. निजी वाहन से
अपने निजी वाहन से जाने के लिए भी आपको पहले उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के रुपैडिहा बॉर्डर पहुँचना होगा. वहाँ से आप नेपाल की सीमा प्रवेश करते हैं.
बॉर्डर में प्रवेश करते ही आपको सबसे पहले अपने वाहन का परमिट लेना होता है. इसके लिए आपको अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) दिखाना पड़ता है और आपको यह बताना होता है कि आप कितने दिनों के लिए नेपाल में रहेंगे.
भारत में रजिस्टर्ड कोई भी वाहन यदि नेपाल के अन्दर एक दिन से अधिक समय के लिए जाता है तो उसे परमिट लेना अनिवार्य है. आप अधिकतम 30 दिन का ही परमिट ले सकते हैं. यह परमिट बॉर्डर पर स्थित स्थानीय भन्सार कार्यालय (कस्टम ऑफिस) से मिल जाता है.
- कार से: अगर आप कार से जा रहे हैं तो केवल 4×4 कार से ही जाएं, अभी (2024 में) जो सड़क की स्थिति है वहाँ छोटी कार नहीं जा पाएगी. आप स्थानीय भन्सार कार्यालय से परमिट लें जिसका शुल्क 1,500 नेपाली रुपया प्रति दिन है.
- बाइक से: अगर आप बाइक से जा रहे हैं तो इसका परमिट शुल्क 200 नेपाली रुपया प्रति दिन है.

नोट: निजी वाहन से शे फोक्सुण्डो जाने के लिए आपको 10 दिन का परमिट लेना चाहिए. परमिट का समय समाप्त होने से पहले आपका नेपाल की सीमा से बाहर आना अनिवार्य है. परमिट को हल्के में न लें, स्थानीय पुलिस जगह-जगह पर आपकी चेकिंग कर सकती है.
यदि हम यह मान के चलें कि आप बाइक से जा रहे हैं तो आपको पूरी यात्रा के लिए किन-किन चीज़ों को ध्यान में रखना ज़रूरी होगा उसका विवरण नीचे दी गई चेकलिस्ट में है.
यात्रा लिए आवश्यक चेकलिस्ट:
- भारतीय पहचान पत्र: आधार कार्ड या पासपोर्ट या अन्य पहचान पत्र
- बाइक के दस्तावेज: रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC), बाइक चलाने वाले का ड्राइविंग लाइसेंस
- बाइक की सर्विसिंग, बेसिक टूल किट रखें, संभव हो तो ट्यूबलेस टायर वाली बाइक से जाएं
- नेपाल की सीमा में प्रवेश करने से पहले टैंक फुल करा लें
- नेपाल का सिम कार्ड लें (वैसे सभी होटलों और दुकानों में वाईफाई मिल जाता है)
- पॉवर बैंक, टॉर्च (वहाँ मौसम और लाइट को कोई भरोसा नहीं होता है)
- ट्रैकिंग शू और रेन कोट
- केवल ज़रूरी समान और कपड़े ही रखें, यह सब एक बैगपैक में आना चाहिए
- कम से कम प्रति व्यक्ति 27,000 नेपाली रुपया (₹17,000 भारतीय रुपया) कैश रखें. यह खर्च नेपालगंज से फोक्सुण्डो ताल तक जाने और वापस आने के लिए है.
- दवाइयाँ (सर दर्द, थकान, बुखार की), बिस्कुट, चॉकलेट, एनर्जी बार, ग्लूकोज़ पाउडर, पानी की बोतल
नोट: नेपाल की सीमा में प्रवेश करते ही भारतीय रुपए को नेपाली रुपए में एक्सचेंज करा लें. यह आप किसी भी स्थानीय दुकानदार, होटल या बैंक में जाकर आसानी से करा सकते हैं. यात्रा में आप जैसे-जैसे आगे बढ़ेंगे आप केवल नेपाली रुपया का ही उपयोग कर सकेंगे.
यह सब तैयारी करने के बाद, हम इस यात्रा को 9 दिनों में बाटेंगे:
दिन 1: रुपैडिहा बॉर्डर से रुकुम पश्चिम
आप पहले दिन रुपैडिहा बॉर्डर से नेपालगंज, कोहलपुर, बबई, छिन्चु, बोटेचौर, सल्लीबाजार, जाजरकोट (खलंगा) होते हुए रुकुम पश्चिम के जिला मुख्यालय राडी बाजार पहुँच कर किसी होटल में स्टे कीजिए.


दिन 2: रुकुम से दुनई
राडी से आगे का रास्ता अच्छा नहीं है और आपको इसमें काफी समय लग सकता है. राडी से आगे का रास्ता गूगल मैप पर भी स्पष्ट नहीं दिखाई देता है. ऐसे में आपको राडी से ही झूला पुल पार करके आपको ठुलोभेरी नदी के किनारे चलने वाले रास्ते पर ही आगे चलते जाना है. इस रास्ते में आप तल्लोबगर बाजार, त्रिबेनी, खदांग, त्रिपुराकोट, सुलिगाड होते हुए दुनई पहुंचेंगे.
दुनई में रात को किसी होटल में रुकिए और अगले दिन के ट्रेक के लिए अच्छे से आराम करना जरुरी है. सुलिगाड वह जगह है जहाँ फोक्सुण्डो झील का ट्रेक शुरू होगा. दुनई से उसकी दूरी केवल 10 मिनट की है.

दिन 3: सुलिगाड से रयांची (Rechi) ट्रेक
तीसरे दिन की सुबह 6 से 7 बजे तक आपको सुलिगाड पहुँच कर वहाँ से अपना पहले दिन का ट्रेक शुरू कीजिए. सुलिगाड नेपाली आर्मी का चेक पॉइंट और बैरक है. आप चाहें तो अपनी बाइक वहाँ भी अगले 4 से 5 दिनों के लिए पार्क करके जा सकते हैं.


सुलिगाड से 20 मिनट चलने के बाद आपको फोक्सुण्डो ट्रेक का एंट्री पॉइंट दिखेगा जहाँ आपको टिकट लेना पड़ता है. यह टिकट आपको शे फोक्सुण्डो नेशनल पार्क क्षेत्र में प्रवेश के लिए लेना पड़ता है. भारतीय और अन्य सभी सार्क (SAARC) देशों के नागरिकों के लिए इसकी कीमत 1,500 नेपाली रुपया है, अन्य विदेशी नागरिकों के लिए यह 3,000 रुपया है और नेपाली नागरिकों के लिए 100 रुपया है.
टिकट लेने के बाद आप यहाँ से अपनी ट्रेकिंग शुरू करते हैं. इस जगह के बाद अगला पड़ाव 2 घंटे के बाद पड़ता है जिसका नाम का है कागनी. यह एक बहुत छोटा गाँव है यहाँ आपको आराम करने और खाने पीने के लिए होटल मिल जाएंगे. यहाँ पर एक सुनीता होटल है और अधिकांश स्थानीय लोग कागनी को सुनीता भी बोलते हैं.
कागनी से आगे 1 घंटे और चलने के बाद आप सांगता होटल पहुँचते हैं. यह भी एक छोटा पड़ाव हो सकता है. और सांगता होटल से आगे जाने के बाद आसपास का भूदृश्य अचानक बदल जाता है और घने देवदार के पेड़ दिखने लगते हैं और ठंड बढ़ जाती है.
सांगता से 2 घंटे आगे चलने के बाद आप छेप्का पहुँचते हैं. यदि आप सुबह 8 चलना शुरू करते हैं और बिना किसी लम्बे ब्रेक के 6 घंटे तक चलते रहते हैं तो आप दोपहर के 2 बजे तक छेप्का पहुँच सकते हैं.

नोट: कई ब्लॉग और वेबसाइट पर बताई गई ट्रेवल गाइड में आपको छेप्का में ओवरनाइट स्टे करने की सलाह दी जाती है. जिसके दो मुख्य कारण हैं.
- पहला यह है कि यहाँ तक आने में आप पूरे ट्रेक रूट का 40 प्रतिशत हिस्सा कवर कर चुके होते है और शेष 60 प्रतिशत हिस्सा अगले दिन के लिए रखते हैं.
- दूसरा यह है कि छेप्का के बाद अगला पड़ाव रयांची 4 घंटे बाद आता है और छेप्का से रयांची के बीच में आपको रुकने की या खाने पीने की कोई भी जगह नहीं मिलती है. इसका मतलब है कि अगर आप ठीक 2 बजे छेप्का से निकलते हैं और लगातार चलते हैं तो रयांची पहुँचने में आपको शाम के 6 बज जाएंगे.
नोट: छेप्का के बाद जंगल और भी घना हो जाता है, ट्रेक की ऊँचाई बढ़ जाती है और इसके साथ ही ठंड भी तेज होने लगती है. ऐसे में अगर आपको 4 घंटे से भी अधिक का समय लगता है तो आप जंगल के अँधेरे में भटक सकते हैं. इस रास्ते में हर जगह पर साइन बोर्ड या दूरी दर्शाने वाला बोर्ड नहीं मिलता है.
इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए मेरा सुझाव यह है कि अगर आप चलने में सक्षम हैं तो आपको छेप्का में दोपहर में ही होटल में स्टे करने की जरुरत नहीं है. इससे आपकी कुल यात्रा में लगने में वाला दिन अधिक हो सकते हैं. आपको आगे चलना चाहिए और रयांची में ही नाईट स्टे करना चाहिए. यहाँ आपको 1,000 रुपया में होटल में रूम मिल जाएंगे.
दिन 4: रयांची से रिंग्मो (फोक्सुण्डो ताल) ट्रेक
रयांची में आप सुबह का नाश्ता करके 8 बजे तक रिंग्मो के लिए निकल जाना चाहिए. रयांची से 2 घंटे लगातार चलने के बाद आप सइजोल (Saijol) पहुंचेंगे. यहाँ पर तापरिज़ा सेकेंडरी स्कूल नाम का एक आवासीय विद्यालय है. इसके अलावा यहाँ एक होटल है जिसका नाम है ट्रेकर्स इन और यहाँ का एक प्रसिद्ध होटल है, झरना होटल है.

साइजोल से रिंग्मो जाने में 3:30 घंटे लगते हैं. और यहाँ से पहाड़ पर चढ़ाई लगातार बढ़ती जाती है. यहाँ से आगे जाने पर जंगल लगभग समाप्त हो जाते हैं और खड़े पथरीले पहाड़ों पर बने संकरे रास्तो पर आपको चलना होता है. यहाँ से रास्ते में चढ़ाई और रोमांच दोनों बढ़ जाता है.

इस रास्ते में आपको 2 से 3 बहुत बेहतरीन व्यू पॉइंट मिलेंगे जिसमें सबसे मुख्य आकर्षण फोक्सुण्डो झरना है. यहाँ का रास्ता संकरा है लेकिन आप यहाँ से झरने का सबसे सुन्दर दृश देख सकते हैं. फोक्सुण्डो झरना से आगे बढ़ने के बाद रास्ता लगभग समतल है और वहाँ से 30 मिनट में आप रिंग्मो पहुँच जाते हैं.
दोपहर के 2 बजे तक आप रिंग्मो गाँव पहुँच जाएंगे. यहाँ पहुँचने के बाद आप होटल लीजिये और दोपहर का लंच कीजिए. यहाँ भी होटल में रूम की कीमत 800 से 1,000 रुपया है और भोजन एक थाली 400 से 450 रुपया की मिलती है.
यहाँ पर रुकने के बाद आप आराम से घूमते हुए 10 मिनट में फोक्सुण्डो झील के सामने होंगे. यहाँ की ठंडी हवा और झील का चमकता नीला पानी आपकी सारी थकान मिटा देगा. इस दिन आप झील के किनारे बैठ के आनंद लीजिये और अगले दिन की ट्रेक के लिए आराम कीजिए.


दिन 5: फोक्सुण्डो ताल का ट्रेक और व्यू पॉइंट
इस दिन आप फोक्सुण्डो ताल या झील के किनारों पर बने रास्तों पर चलते हुए नजारों का लुत्फ़ उठा सकते हैं. इसमें पूरा एक दिन लग जाएगा और आप झील को चारों ओर से निहारते हुए इसके किनारों पर बने संकरे रास्तों पर चल सकते हैं.
इस ट्रेक में आपको दो बेहद सुन्दर व्यू पॉइंट मिलेंगे. जहाँ से पूरा झील एक बार में दिखता है और याद रहे कि जितनी अधिक धूप होगी और आसमान साफ़ रहेगा, यह झील उतनी ही नीली दिखाई देती है.
दिन 6: रिंग्मो से छेप्का
शे फोक्सुण्डो झील से वापस लौटने के लिए आप सुबह 7 या 8 बजे चलिए. क्योंकि अब अधिकांश रास्ते में आपको नीचे की तरफ उतरना है, तो आपकी चलने की रफ़्तार पहले के मुकाबले तेज होगी. ऐसे में आप दोपहर 4 बजे तक छेप्का पहुँच जाएँगे. वहाँ आप नाईट स्टे कीजिए.
नोट: मेरा सुझाव यह है कि आप जितना अधिक चल सकते हैं उतना चलने की कोशिश कीजिए और छेप्का के आगे सांगता या कागनी तक भी जा सकते हैं. और वहाँ भी स्टे कर सकते हैं.
दिन 7: छेप्का से सुलिगाड
छेप्का से सुलिगाड वापस जाने में 5 से 6 घंटे तक लग जाएंगे क्योंकि इस रास्ते में ढलान कम है और दूरी लंबी है. ऐसे में यदि आप सुबह 8 बजे छेप्का से चलना शुरू करते हैं तो दोपहर 2 बजे तक सुलिगाड वापस आ सकते हैं और वहाँ से 10 मिनट में वापस दुनई पहुँच जाएँगे.
दुनई वापस आने के बाद यह बहुत जरुरी हैं कि आप आराम करें और अगले दिन की बाइक राइड के लिए तैयार रहें.
दिन 8: दुनई से वापसी छिन्छु
दुनई से वापसी का रास्ता ढलान वाला होगा. फिर भी दुनई से जाजरकोट तक का रास्ता ठीक न होने की वजह से इस दूरी में अधिक समय लगता है. उसके बाद आप छिन्चु तक पहुँचने में शाम हो जाती है. आप छिन्चु में ही स्टे कीजिए.
दिन 9: छिन्चु से रुपैडिहा बॉर्डर
अगली सुबह आप छिन्चु से नेपालगंज के रास्ते रुपैडिहा के लिए निकलें जिसकी दूरी 80 किलोमीटर है. अगर आप सुबह 8 बजे निकलते हैं तो आप 2 घंटे में रुपैडिहा बॉर्डर पर वापस आ सकते हैं.
भारत से शे फोक्सुण्डो झील, डोल्पा तक जाने का बजट:
अगर आप पहली बार नेपाल जा रहे हैं तो इस बात का विशेष ध्यान रखें की वहाँ पर महँगाई भारत से अधिक है. भले ही नेपाली रुपया भारतीय रुपया (स्थानीय भाषा में भारु) के मुकाबले में कम है इसका बिल्कुल मतलब नहीं है कि आप कम बजट में यहाँ की यात्रा कर लेंगे. इसलिए यह आवश्यक है कि आप पहले से अपना पूरा भारतीय रुपया को नेपाली में चेंज करा लें.
नेपाल में खाना, ब्रेकफास्ट, ड्रिंक्स, पेट्रोल, डीजल, और गाडियों की रिपेयरिंग में भारत की तुलना में कहीं अधिक है. इसलिए मेरा सुझाव यह है कि आप अपने लिए खाने पीने की कुछ चीज़ें भारत से लेकर ही जाएं, गाड़ी की ठीक तरह से सर्विसिंग कराएं, और नेपाल में प्रवेश करने से पहले ही अपनी गाड़ी या बाइक का टैंक फुल करा लें.
शे फोक्सुण्डो मार्ग पर जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते जाएँगे पेट्रोल की कीमत बढ़ती जाती है. यह 190 से 210 रुपया प्रति लीटर नेपाली रुपया तक हो सकती है. वहाँ पेट्रोल पम्प की बजाय दुकानों में पेट्रोल या डीजल मिलता है. जिसकी कीमत दूर दराज के क्षेत्रों में बढ़ती जाती है.
इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए अगर हम भारत से शे फोक्सुण्डो झील के लिए 9 दिन का ट्रिप प्लान करते हैं तो इसका न्यूनतम खर्च कितना होगा.
- भन्सार कार्यालय से बाइक के परमिट का खर्च 200 x 9 = 1,800 रुपया
- 9 रात का होटल खर्च 1000×9 = 9,000 रुपया (दो लोगों में आधा हो जाएगा)
- एक व्यक्ति पर प्रति दिन खाने का खर्च 1000 रुपया है, तो 9 दिन का 9,000 रुपया
- ईंधन का खर्च रुपैडिहा से दुनई की दूरी लगभग 400 किलोमीटर है. अगर आप बाइक का माइलेज 35 किलोमीटर प्रति लीटर है तो दोनों तरफ से पेट्रोल की खपत 800 ÷ 35 = 22 लीटर होगी. 22 लीटर पेट्रोल की कीमत 22 x 190 = 4,180 रुपया है. (यह कीमत अधिकतम है, कम ज्यादा हो सकती है)
- अन्य खर्चों के लिए आप कम से कम अतिरिक्त 3,000 रुपया रख लें.
इस प्रकार भारत से शे फोक्सुण्डो झील तक जाने के लिए एक व्यक्ति का न्यूनतम बजट 1,800 + 9,000 + 9,000 + 4,180 + 3,000 ≈ 27,000 नेपाली रुपया या ₹17,000 भारतीय रुपया होगा.
अन्य नोट करने वाली बातें
अगर आप नेपाल में शनिवार को साप्ताहिक अवकाश होता है और रविवार को कार्यदिवस होता है. तो शनिवार को भारतीय रुपए को एक्सचेंज कराने बैंक में न जाएं.
पूरे रास्ते में आपको अधिकांश साईन बोर्ड और माइल स्टोन में निर्देश और दूरी देवनागरी में लिखे मिलेंगे. यह अपेक्षित है कि आपको देवनागरी में संख्या की पहचान करना आता है.
नेपाल में विक्रम संवत् का कैलेंडर उपयोग किया जाता है जो कि अंग्रेजी कैलेंडर से 57 वर्ष आगे चलता है और महीनों के नाम भी नेपाली में ही होते हैं. ऐसे में होटल व् रेस्टोरेन्ट के बिल, टिकट और अन्य रसीदों पर नेपाली में अलग तारीख लिखी मिल सकती है. उदाहरण के लिए वर्ष 2025 विक्रम संवत् के अनुसार 2082 होता है. नीचे दिखाई गई भन्सार कार्यालय से मिली बाइक की परमिट में भी देख सकते हैं.


बाइक की रफ़्तार 60 किमी प्रति घंटा के अन्दर रखें क्योंकि वहाँ स्पीड लिमिट दर्शाने वाला कोई साईन बोर्ड नहीं दिखेगा लेकिन यातायात पुलिस कभी आपको अपने कैमरे से देख सकती है और आपका चालान काट सकती है.
पूरी यात्रा के दौरान भन्सार का परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस, बाइक के दस्तावेज हमेशा अपने साथ रखें. पूरे मार्ग में नेपाली पुलिस और सेना के चेक पॉइंट होते हैं जहाँ पर आपको अपने दस्तावेज दिखाना पड़ता है और एंट्री रजिस्टर में अपना विवरण दर्ज कराना होता है.
आशा करता हूँ कि आपको शे फोक्सुण्डो यात्रा के लिए आवश्यक सभी जानकारी मिल गई होगी. यदि और कोई सवाल है तो आप कमेंट में पूछ सकते हैं. धन्यवाद!